किसी भी प्रकार की जीव हिंसा सनातन के लिए घातक तुरंत रोक लगे : इंद्रेश जी
1 min read
अलीगढ़ खेरेश्वर स्थित गाँव लोहसरा मार्ग पर चल रही 108 कुंडीय महालक्ष्मी धन वर्षा महायज्ञ एवं श्रीमद् भागवत कथा में यज्ञाचार्य भरत तिवारी ने पंचम दिवस का महायज्ञ कुंड धुवस्थ हो जाने के बाद भी पूरे विधि विधान से संपन्न कराया जिसके बाद भागवत आचार्य इंद्रेश उपाध्याय जी ने आज कहा महोत्सव के पावन अवसर पर ऐसी हिंसात्मक घटना क्षेत्र के लिए ही नहीं अपितु पूरे सनातन धर्म के लिए घातक है अतः प्रशासन एवं सभी समाज सेवी संस्थाओं से निवेंदन है कि ऐसी घटनाओं पर रोक लगाएँ और पुनः कभी ऐसा ना हो प्रयासरत रहें ऐसे पशु हत्या जैसा कलंक धार्मिक महान देश पर पहले से लगा हुआ है जहां गंगा जमुना जैसी पवित्र नदियाँ एवं तीर्थों का देश संतों की भूमि सनातन व पूरे विश्व में गौरव शाली ध्वज फहराने वाले देश में लाखों गौ माताओं का खुलेआम क़त्ल होता है जो सनातन और हिंदू राष्ट्र के लिए अभिशाप है जब तक गौ हत्या बंद नहीं होगी तब तक हिंदू राष्ट्र के विषय में चर्चा करना बेईमानी होगी हम अलीगढ़ से हरिगढ़ की ओर बढ़ रहे हैं फिर भी यहाँ ऐसे जघन्य पाप होते रहे तो हरिगढ़ का कोई औचित्व नहीं बनता पहले इन कुकृत्यों पर रोक लगनी चाहिए पूज्य इंद्रेश जी ने कहा आज की घटना से हम बहुत व्यथित हैं आज हम कोई उत्सव नहीं मनाएँगे कथा में रास पंचाध्यायी एवं कंस वध गोपी उद्धव चरित्र का वर्णन किया अंत में परम पूज्य बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर जी का संदेश चल चित्र के माध्यम से सुनाया गया जिसने कहा की अत्यंत व्यस्तता के कारण में ऐसे महान अनुष्ठान में नहीं पहुँच पा रहा हूँ छमा प्रार्थी हूँ परंतु वादा करता हूँ पहले हरिगढ़ बनाओ में ज़रूर आऊँगा कार्यक्रम मीडिया प्रभारी आशू पंडित ने बताया की कल कथा विश्राम दिवस में प्रवेश करेगी कल महाराज जी के मुखारविंद से कल विश्राम दिवस पर सुदामा चरित्र एवं भागवत धर्म का वर्णन करेंगे कथा सुनने वालों में कार्यक्रम अध्यक्ष ठाकुर नरेश सिंह ,यज्ञाचार्य आचार्य भरत तिवारी , हाथरस सांसद राजवीर दिलेर ,हाथरस सांसद धर्म पत्नी श्रीमती रजनी दिलेर , ख़ैर चेयरमैन धर्म पत्नी अनुराधा शर्मा
मीनू शर्मा ,शशि सारस्वत , विशाल सारस्वत , दुष्यंत चौधरी ,प्रमोद गौड़ ,कार्यक्रम मीडिया प्रभारी आशू पंडित, शेखर,युवराज रावत ,विवेक पंडित , भानु ठाकुर ,नंदू ठाकुर , वेदप्रकाश शर्मा , सौरभ भारद्वाज ,सागर तिवारी आचार्य कृष्ण गोपाल, आचार्य हिमांशु शास्त्री, आचार्य वेद प्रकाश शर्मा, मुकंद भारद्वाज, मयंक अग्रवाल ,दीपक भारद्वाज, मोहन शर्मा आदि भक्तों ने कथा का रसपान किया !

