अतरौली सिविल कोर्ट का स्थापना दिवस मनाया
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Atrauli अतरौली में सिविल बार और फौजदारी बार एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान में रजत जयंती मनाई गयी। न्यायाधीश अजीत कुमार मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रशासनिक न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने कहा कि नगरीय स्तर पर कोर्ट न्याय की पहली महत्वपूर्ण सीढ़ी होती है। घर के दरवाजे पर न्याय की पहली सीढ़ी का मिलना बहुत मायने रखता है। इसी कारण कोर्ट और वकील वादकारियों के हित में कार्य करते रहें। अतरौली में लंबे समय से चली आ रही अपर जिला जज भवन की मांग को लगभग हरी झंडी देते हुए न्यायाधीश ने कहा कि इसी वर्ष अप्रेल तक भवन के लिए जमीन का प्रबंध करा लिया जायेगा। 23 नबंवर 1999 में शुरू हुए सिविल वार भवन चालू हुआ था।
अतरौली तहसील के सभी थानों के वाद अतरौली न्यायालय से जोड़ने की मांगः पच्चीस वर्ष पूरे होने पर उन्होंने कहा कि वह खुद एक वकील रहे हैं, और अब जज हैं। उन्होंने कहा कि जूनियर वकीलों को वकालात के साथ कानून के बारे में पढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को घर के दरवाजे पर ही न्याय मिले इस तरह के सभी के प्रयास है।
सिवल और बार एसोसियेशन की ओर से न्यायाधीश अजीत कुमार को मंच पर दो ज्ञापन भी दिए गए। जिसमें अतरौली तहसील के सभी थाने छर्रा, दादों, गंगीरी, बरला व अतरौली के
अलावा पालीमुकीमपुर थानों के वाद अतरौली न्यायालयों से जोड़ने के अलावा अतरौली में अपर जिला जज भवन की मांग की गयी।
इस अवसर पर जिला न्यायाधीश संजीव कुमार, अपर मुख्य न्यायिक सत्र मजिस्ट्रेट वकील जी, एसडीएम साहिल कुमार, सीओ सर्जना सिंह, आदि अधिकारी मौजूद रहे। अधिवक्ताओं में सिविल बार के अध्यक्ष चंद्रशेखर राजपूत, फौजदारी बार के अध्यक्ष नरेश कुमार, जेपी राजपूत, मैनपाल सिंह यादव, सिविल बार के पूर्व वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ सक्सेना, नीलिमा पाठक, तोमर, मंसूर अली, अशोक कुमार, अतुल शर्मा आदि मौजूद रहे।