आज गुड़िया बाबा के आश्रम सिरसा में चल रही है भागवत कथा जितेंद्र शास्त्री द्वारा आरोही तिवारी को सम्मानित किया गया
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आज गुड़िया बाबा के आश्रम सिरसा में चल रही भगवान कथा मैं जितेंद्र शास्त्री द्वारा अतरौली की शान छोटी कवित्री आरोही तिवारी ने बहुत ही सुंदर प्रसंग सुनाया वही आरोही तिवारी के सुनाए गए प्रसंग सुनकर सभी लोग और शास्त्री जितेंद्र मनमुक्त हो गए
शास्त्री जितेंद्र कुमार द्वारा आरोही तिवारी को सम्मान स्वरूप राधा कृष्ण की तस्वीर भेंट की
आरोही तिवारी के सुनाए गए प्रसंग
भागवत जी में श्री परीक्षित महाराज जी ने
जो पहला प्रश्न किया वो ध्यान देने योग्य है
उन्होंने कहा
गुरु जी जिसको 7 दिन में मरना है मुक्ति का मार्ग क्या है
मानव जीवन का कल्याण कैसे होगा
शुकदेव महाराज के कहा
वही जो गोस्वामी जी महाराज ने राम चरित मानुष में कहा है
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कर से कर्म करहु विधि नाना
मन रखहु जहां कृपा निधाना
काम करते चलो नाम जपते चलो
हर समय कृष्ण का ध्यान धरते चलो
मुरली वाले को मन से रिझाते चलो
कृष्ण गोविंद गोपाल गाते चलो
तन दुनिया को दे दो और मन ईश्वर को
आज प्रसंग भी उसी प्रश्न का सार है
श्रीं मद भागवत कथा में गोवर्धन जी का बहुत महत्व है एक तरह से भागवत जी और जीवन का सार है गोवर्धन है
जैसे हमारे शरीर में 7 चक्र हँ वैसे ही गिरिराज महाराज के सात कोष के
परिक्रमा है
इस 7 का बहुत बड़ा संयोग है भागवत जी में और हमारे जीवन में
जैसे
दोहा _ ब्रिज चौरासी कोष में चार धाम निज धाम.
वृंदावन और मधु पूरी बरसाना नंद गाम
क्या खूब संयोग है
गिरिराज जी के पास चार गाव हैं
और चारो की दूरी क्रमशः 7,7 कोष हैं
वृंदावन 7 कोष
मथुरा 7 कोष
बरसाना 7 कोष
नंद गाव 7 कोष
और आनंद की बात तो ये है
जिस समय कृष्ण ने गिरिराज जी को अपनी अंगुली पर धारण किए तो उनकी उम्र थी 7 साल
इसी 7 के चक्र में हमारा जीवन है .
हमारा जन्म भी म्रत्यु भी 7 दिन में है
इसलिए श्री सुक देव जी महाराज ने श्रीं मद भागवत कथा परीक्षित महाराज को 7 दिन में ही सुनाया
और कल्याण हुआ………