सातवें दिन श्रीमद् भागवत कथा का समापन
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अतरौली तहसील के ब्लॉक बिजौली के गांव रूमामई में विगत 7 दिनों से चली आ रही श्रीमद् भागवत कथा श्री कृष्ण और रुक्मणी के विवाह के साथ सातवे दिन समाप्त हुई।
बहन रजनी शास्त्री जी ने बताया कि कृष्ण जी की साढ़े नौ पत्नियां थी जिनमें रुकमणी, लक्ष्मणा, सत्यभामा से श्री कृष्ण भगवान को विशेष प्रेम था रजनी शास्त्री जी ने बताया कि एक बार जब कृष्ण भगवान कंस का वध करने जा रहे थे तो उसने रास्ते में बहुत सी राक्षसनी को लगा रखी थी उनमें एक राक्षस नी का नाम कुब्जा था जिसका कि श्रीकृष्ण ने तिलक किया उसी के उपरांत श्रीकृष्ण को वह पति के रूप में स्वीकार करती थी इस प्रकार वह श्री कृष्ण की अर्धपत्नी के रूप में प्रसिद्ध हुई श्री कृष्ण भगवान ने रुकमणी के अत्यधिक प्रेम से प्रसन्न होकर विवाह किया रुकमणी के पिता श्री कृष्ण रुक्मणी का विवाह करवाना चाहते थे मगर रुकुम रुक्मणी का भाई अपने सारे शिशुपाल से अपनी बहन का विवाह कराना चाहते थे मगर रुकमणी किसी भी स्थिति में श्री कृष्ण से ही विवाह करने की इच्छुक थी उसी प्रकार श्री कृष्ण और रुक्मणी का विवाह संपन्न हुआ इस उपरांत पिंकी चौधरी नेमबत्ती मंजू कुमारी पूनम अंशु कुमारी, वर्षा कुमारी अंकिता कुमारी उषा चौधरी सोनिया चौधरी, सरिता चौधरी मीना कुमारी ,पूजा कुमारी पुष्पा कुमारी रश्मि कुमारी राजमाला दीक्षा राधा कुमारी जयमाला कुमारी ,मुन्नी कुमारी, रूपवती बघेल देवी चौधरी हरिशिका गौड़, सूरजपाल बीटीसी कुमिया सोनू बघेल, लोकेश कुमार रिंकू कुमार विष्णु कुमार वीरेश प्रताप विजय सिंह राठौर गोपाली बंटी चौधरी मनोज चौधरी संजय चौधरी ओमकार चौधरी बच्ची चौधरी मुकेश कुमिया दशरथ कुमिया वीरपाल चौधरी गेंदालाल महिपाल हरपाल मोहनलाल बघेल अजय राजपूत हरीश गौड़ इत्यादि भक्तगण मौजूद रहे