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108कुंडीय महायज्ञ औऱ श्री लक्ष्मी धनवर्षा महायज्ञ का अलीगढ़ में हुआ शुभारंभप्रथम दिवस खेरेश्वर मंदिर से निकाली गई भव्य कलश यात्रा

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अलीगढ़*।मनुष्य के आर्थिक संकटों के निवारण के लिए आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान की मंगलवार को भव्य कलश यात्रा के साथ विधिवत शुरुआत कर दी गई है।आपको बता दें कि अलीगढ़ के खेरेश्वर धाम हरिदास पुर के निकट 108कुंडीय श्री लक्ष्मी धनवर्षा महायज्ञ औऱ श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन आज से आरंभ हो गया है जबकि इसके पहले दिवस प्रातः काल खेरेश्वर मंदिर से एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें पीले वस्त्र पहनकर औऱ सिर पर कलश धारण करके हजारों महिलाओं ने अपनी सहभागिता निभाई।खास बात ये है कि इस कलश यात्रा को केसरिया ध्वज दिखाकर हाथरस की जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय ने रवाना किया औऱ इसके बाद महामंडलेश्वर हरिकांत जी महाराज औऱ आचार्य भरत तिवारी के सानिध्य में ये कलश यात्रा बैंड बाजे के साथ कथा स्थल पर पहुंची।खास बात ये है कि दोपहर में यहां पर अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय ने कथा के प्रथम दिन श्रीमद् भागवत महात्म्य के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस कलयुग में मनुष्य अपने भावों को सत्संग के जरिए ही स्थिर रख सकता है।उन्होंने कहा कि सत्संग के बिना विवेक उत्पन्न नहीं हो सकता और बिना सौभाग्य के सत्संग सुलभ नहीं हो सकता।उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं औऱ मनुष्य अपने जीवन में सातों दिवस को किसी ने किसी देवता की पूजा अर्चना करता है,लेकिन मानव जीवन में आठवां दिवस परिवार के लिए होता है।इंद्रेश उपाध्याय ने जीवन में भजन और भोजन में अंतर बताते हुए कहा कि भजन में कोई मात्रा नहीं होती औऱ भजन करने से मानव का मन सीधा ही प्रभु से जुड़ जाता है।उसी प्रकार भोजन में मात्रा होती है औऱ मनुष्य को भोजन को भजन एवं प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए।स्वामी जी द्वारा कथा वाचन के दौरान कहा गया कि इस कलयुग में केवल भोलेनाथ ही शीघ्र भक्ति से प्रसन्न हो जाते हैं औऱ केवल तीन महीने भोलेनाथ की भक्ति करने से मनुष्य के सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं।इस दौरान प्रथम दिन की कथा के समापन से पूर्व आरती की गई औऱ आरती करने के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया।इस कार्यक्रम में यहां पर मुख्य यजमान धनंजय पंडित के अलावा परीक्षित बने बांके बिहारी, आचार्य भरत तिवारी,आचार्य कृष्ण गोपाल,आचार्य हिमांशु शास्त्री,आचार्य वेद प्रकाश शर्मा,दीपक भारद्वाज,मोहन शर्मा औऱ आशु पंडित आदि लोग मौजूद रहे।

ROOPENDRA KUMAR
Author: ROOPENDRA KUMAR

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