बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ भाकियू कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
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अलीगढ़, 27 मार्च 2025: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के कार्यकर्ताओं ने बिजली विभाग के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में थाना अकराबाद क्षेत्र के ग्राम सिकंदरपुर में हजारीलाल वर्मा के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए भाकियू नेता दलवीर सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार पर पूंजीपतियों के हितों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार बिना किसी ठोस कारण के बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए ब्रिटिश कंपनी ग्रांट थॉर्नटन को तकनीकी सलाहकार नियुक्त करने की कोशिश की जा रही है।
दलवीर सिंह ने चेतावनी दी कि निजीकरण के बाद घरेलू बिजली और निजी नलकूपों की दरों में भारी वृद्धि होगी, जिससे आम लोगों को लालटेन जलाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “नलकूपों का बिजली बिल इतना बढ़ जाएगा कि किसानों की पूरी आय सिर्फ बिल चुकाने में खर्च हो जाएगी।” उन्होंने दावा किया कि इससे न केवल किसान, बल्कि घरेलू उपभोक्ता, दुकानदार और छोटे उद्योग-धंधे करने वाले सभी प्रभावित होंगे। साथ ही, बिना बिजली उपयोग के भी प्रति माह 100 रुपये का शुल्क देना होगा, जो सरकार की जनविरोधी नीति को दर्शाता है।
भाकियू नेताओं ने आगरा और मुंबई जैसे शहरों का हवाला देते हुए कहा कि वहां निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने सभी प्रभावित पक्षों से संगठित होकर निजीकरण के खिलाफ जनांदोलन तेज करने का आह्वान किया। दलवीर सिंह ने कहा, “जिस तरह 13 महीने तक दिल्ली की सीमाओं पर चले आंदोलन से तीन काले कृषि कानून वापस लिए गए, वैसे ही इस आंदोलन को मजबूत करना होगा ताकि सरकार निजीकरण का फैसला वापस लेने को मजबूर हो।”
प्रदर्शन में भाकियू के पूर्व जिला महासचिव चौधरी नवाब सिंह, फतेह सिंह, खचेरपाल, राजवीर सिंह, जितेंद्र सिंह, अवधेश कुमार, जुगेंद्र सिंह, नितिन कुमार सिंह, लवली ठाकुर, सतीश कुमार सिंह, भोली सिंह, बिजेंद्र सिंह, अखिलेश शर्मा, बाबू सिंह, श्यौवीर सिंह, दुजे सिंह सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। भाकियू ने मांग की कि जनहित में निजीकरण के फैसले को तत्काल वापस लिया जाए, वरना आंदोलन और तेज किया जाएगा।