21 जून योग दिवस से पहले हर भारतीय को निम्न प्रश्नों के उत्तर जानना आवश्यक हैं।
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1. योगविद्या किस की देन है.?
उत्तर: भारत में योगविद्या का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है और किसी एक व्यक्ति ने इसकी रचना/अविष्कार नहीं किया। यह समय के साथ विकसीत होती गई सिंधु सभ्यता से के समय से है
2. क्या तथागत बुद्ध योग करते थे..?
उत्तर: जिस समय सिद्धार्थ गौतम ने संसार के दु:खों का कारण जानने गृहत्याग किया तो सर्वप्रथम उन्होनें सांख्यदर्शन और योगविद्या सीखी और अल्प समय में ही योग एवं प्राणायाम की भिन्न-भिन्न विधाओं में अधिकार जमा लिया।
सिद्धार्थ गौतम ने बताया कि आसनों के द्वारा आप अपने शरीर के संधिस्थानों को स्वस्थ्य रख सकते है।
प्राणायाम के तीन अंग है। श्वास अंदर लेना (पूरक) श्वास अंदर रोकना (कुंभक) श्वास को छोड़ना (रेचक) प्राणायाम चित्त की एकाग्रता के लिए आवश्यक है। प्राणायाम से मन की एकाग्रता सिद्ध होती है।
3. योग एवं ध्यान में भेद.?
उत्तर: योग से स्वास्थ्य लाभ संभव है। प्राणायाम से चित्त की एकाग्रता स्थिर एवं दीर्घकालिन नहीं है।
ध्यान समस्त क्लेशों का मूलोच्छेदन है। इसके बाद मन, वचन एवं कर्म की प्रवित्तियाँ शांत हो जाती हैं।
4. क्या बाबासाहेब डाॅ. अम्बेडकर योग करते थे?
उत्तर: वे नित्य प्रतिदिन प्रातः योग किया करत थे।
5. पतंजलि कौन थे ?
उत्तर: बाबा साहेब डाॅ. अम्बेडकर लिखते है 184 ई.पू. मौर्यकाल में जब भारत वर्ष में सम्राट अशोक के पौत्र वृहदत्त मौर्य का शासन था।
उसकी सेना का सेनापति था पुष्यमित्र शुंग और पुष्यमित्र शुंग का गुरू था पतंजलि थे । पतंजलि एव पुष्यमित्र शुंग दोनो लोग मौर्य राजा ब्रहदत्त मौर्य के राज्य मे राजकीय संरक्षण मे थे एव सेनापति एव दार्शनिक…
पतंजली ने योगविद्या बौद्ध भिक्षुओं से सीखी थी पुष्यमित्र शुंग ने छल पूर्वक अपने ही राजा चक्रवर्ती सम्राट वृहदत्त मौर्य की हत्या कर दी। और मौर्यवंश का पतन हो गया जिसके स्थान पर शुंग वंश की स्थापना हुई।
योगविद्या, प्राणायाम एवम ध्यान यह विश्व को सिंधु सभ्यता बौद्ध धम्म की ही देन है। इस बात को भारत के सभी लोगों तक पहुचाये
विश्व योग दिवस की हार्दिक बधाई
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